पहला रास्ता यह है कि जो भी आईपीएल टीम खेल रही है, उसका कुछ शेयर वह व्यक्ति या कंपनी खरीद ले।
दूसरा रास्ता यह है कि जब भी आईपीएल में किसी भी नई टीम को जोड़ना होता है, तो BCCI उसके लिए एक प्रोसेस फॉलो करती है। वह एक टेंडर जारी करती है, जिसमें वैसे कंपनी जिसका टोटल वैल्यूएशन 3000 करोड़ से ज्यादा होता है, वह अप्लाई कर सकती है और नई टीमों को खरीद सकते हैं।